Shodashi - An Overview

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या

लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं

क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Her story incorporates famous battles towards here evil forces, emphasizing the triumph of good about evil and the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

श्रीं‍मन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥

Away from curiosity why her father did not invite her, Sati went into the ceremony even though God Shiva tried warning her.

ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಐಂ ಸೌ: ಓಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ ಕ ಎ ಐ ಲ ಹ್ರೀಂ ಹ ಸ ಕ ಹ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸ ಕ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸೌ: ಐಂ ಕ್ಲೀಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ 

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